Monday, 31 December 2012

आइये हम एक वोट बैंक बने भारत के भविष्य के लिए

मैं यंहा अपने रूम पर बैठी हूँ , चारों और गाने बज रहे है । new year party के ,
लोग डांस कर रहे है । शायद वो खुद को निर्भया , अमानत से जोड़ नहीं पा रहे है ।
शायद उनको यकींन है की ऐसा उनकी बहन या बेटी या बीवी के साथ कभी नहीं हो सकता है !
यदि वो खुद को जोड़ पाते उस क्रूरतम घटना से तो ,
शायद  उनको भी ऐसा लगता की उनके घर
के सदस्य के साथ ऐसा हुआ है!

पर नहीं बहुत से लोग ऐसे है जिनको ज्यदा फर्क नहीं पड़ा है!

2014 तक तो सब भूल जायेंगे !

जैसे हम भूल गए नैना  साहनी हत्या कांड
जेसिका हत्या कांड , दुनिया भर के घोटाले !!

सब को बस इतना याद रहेगा की  वोट उसको देना है जो हमारा ट्रान्सफर रूकवा दे,
अनिधकृत मकान दुकान को टूटने से बचाले !

फिर वो ही जात पात और अपने काम के लिए वोट दिए जायेंगे !

वोट बैंक की राजनीती सारे गुस्से पर पानी फेर देगी , हम फिर उन्ही लोगो को चुनेगे ,
जिनको 60 सालों से अदल बदल कर देख रहे है !!

जी हाँ मेरा मतलब कांग्रेस  बीजेपी  से ही है!
क्षेत्रीय पार्टी सपा बसपा लेफ्ट राईट ,  को वोट दे कर
हम लोग कमजोर  राजनितिक इच्छा शक्ति  को
और भी कमजोर और पंगु  बना रहे है !

वो ही लोग फिर आ जायेंगे 2014 में  !

जो भी राजनितिक सुधार लाने की कोशिश करेगा उसको नेता बनने से पहले ही ख़ारिज कर देंगे !

क्या ये वक्त नहीं है जब हम कांग्रेस ,  बीजेपी , सपा , बसपा ,लेफ्ट राईट के अगेंस्ट
आम आदमी पार्टी और अरविन्द केजरीवाल को एक मौका दे?

हाँ हो सकता है बिलकुल हो सकता है जो कांग्रेस हमको समझाना चाहिती है की अरविन्द केजरीवाल सत्ता चाहते है!! वो भी कांग्रेस बीजेपी में से ही एक है !! हो सकता है कांग्रेस या बीजेपी की बात !!!

पर ये झूठ हुआ तो क्या हम अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी नहीं मार रहे है !!

 क्या ये सच नहीं है की जो बदलाव हम संसद में चाहते है वो बिना एक नयी विचारधारा के संसद में
प्रवेश किये बिना आ पायेगा !!

सच तो यह है की कोई भी पार्टी अरविन्द या अन्ना  विचारधारा को संसद में नहीं देखना
चाहती है !!

यदि अन्ना या अरविन्द संसद मे आ गए तो  शायद सारी पार्टी वाले जेल के अन्दर होंगे !!!

उनकी कई पीदियों की कमाई देश के खजाने में आ जाएगी !

पुलिस ,  सीबीआई , न्यायलाय देश के हित में बेकौफ़  काम कर पाएंगे !!!

आई दोस्तों हम 2013 में विश्वास करें , एक नयी विचारधारा पर जो लोकपाल के खेल में ये सच जान चुकी है
की बीमार लोकतंत्र को संसद के अन्दर जा कर
लोकतांत्रिक तरीके से  ही सुधरा जा सकता है !!
विश्वास करे मेरा 100 लोकसभा सीटें भी काफी है AAP के लिए !!

प्रदर्शन कर के भूख हड़ताल करके हम इन नेताओं को डरा सकते है लेकिन बदल नहीं सकते है !
ये रहेंगे वो ही , कई चेहरे वाले , जो आंसू भी बहा लेंगे और फिर छातियाँ भी पीटेंगे फिर चुपके से पूछेंगे
"ठीक है ?"

आइये हम अपने गुस्से को वोट बैंक में बदले और इस बार विश्वास करे और सहयोग करे उनका जो हमारे साथ खड़े है !! और वाकई खड़े है !!

और एक बार को मान भी लेते है की वो भी कांग्रेस ,  बीजेपी, सपा बसपा जैसे है तो कोई ज्यदा गलत तो नहीं होगा , कांग्रेस या बीजेपी की जगह आम आदमी पार्टी के लोग अपना घर भरेंगे !!!

पर शायद इस बदलाव में हमारा जायदा फायदा हो !!
पॉजिटिव सोचे तो हो सकता है आम आदमी पार्टी हम बेहतर भविश्या दे पाए !!!

आइये हम एक वोट बैंक बने भारत के भविष्य के लिए और देखे कुछ नया करके !!!!!नए दोस्त चुने , नए दोस्त बनाये !!